Professor & Head
Department of Hindi
रत्नेश विष्वक्सेन विश्वविद्यालय सेवा में 1 मार्च 2008 से सेवारत हैं।झारखण्ड केन्द्रीय विश्वविद्यालय में इन्होंने 12 दिसंबर 2017 को एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर योगदान दिया।हिन्दी विभाग की स्थापना का दायित्व मिला और 8 फरवरी 2018 को विभागाध्यक्ष पद पर नियुक्ति हुई।इस दौरान इन्होंने स्नातकोत्तर और पीएच.डी. का पाठ्यक्रम और सत्र-क्रम तैयार किया। जुलाई 2018 से हिन्दी विभाग में स्नातकोत्तर और पीएच.डी. का प्रथम सत्र प्रारंभ हुआ। पिछले लगभग 16 वर्षों की अध्ययन-अध्यापन अवधि में 47 शोध आलेख/समीक्षा/आलेख आधुनिक साहित्य, अमृत,परिकथा,समसामयिक सृजन,आजकल,लमही,बनास जन और समीक्षा जैसी भारतीय स्तर की पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। इस दौरान 2 पुस्तकें और 4 अध्याय भी प्रकाशित। इनके निर्देशन में 6 शोधार्थियों ने शोध उपाधि प्राप्त की और 2 शोधार्थियों का शोध प्रबंध उपाधि के लिए जमा हुआ (5+1 राँची विश्वविद्यालय (1submit 5 awarded), 1+1 झारखण्ड केन्द्रीय विश्वविद्यालय (1awarded, 1 submitted) ) इनके निर्देशन में झारखण्ड केन्द्रीय विश्वविद्यालय से 1 शोधार्थिनी ने शोध उपाधि प्राप्त की और 1 शोधार्थी का शोध प्रबंध जमा हुआ । वर्तमान में 7शोधार्थी इनके निर्देशन में शोधरत हैं। झारखण्ड अधिविद्य परिषद के लिए 'परिषद गीत' लिखा जिसके लिए JAC ने इन्हें सम्मानित किया। लगभग 20 राष्ट्रीय,अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों में भाग लिया और आमंत्रित व्याख्यान में संसाधन सेवी के रूप में अपनी सहभागिता दी। 17 मार्च 2020 को इन्होंने झारखण्ड केन्द्रीय विश्वविद्यालय में ही हिन्दी विभाग में प्रोफेसर के पद पर योगदान दिया। वर्तमान में विभागाध्यक्ष और छात्र कल्याण अधिष्ठाता (DSW)का दायित्व देख रहे हैं।
Ph.D.
M.A.